हम तुम्हे दिल से चाहते हैं
पर तुम क्यों नज़रें फेरते हो?
क्या कोई गलती हुई हम से?
जो हमें देख मुखड़ा मोड़ लेते हो
तुम रूठोगे हम मनाएंगे
एक बार नहीं हज़ार बार मनाएंगे
यूँ बेवफाई अगर करोगे हम से
हम तो जीते जी मर जाएँगे
देख कर तुम्हे सुकून सा मिलता है
तुम्हे देखने के बहाने मन ढूँढता फिरता है
देखता हूँ तुम्हे यह दिल जाता है ठहर
तुम्हे देख उमड़ती है दिल में प्यार की लहर
तुम्हे देख जीता हूँ तुम्हे देख हसता हूँ
तुम्ही से है हर खुशी मेरी
एक बात कहूँ तुम्हे,
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ

Gursimrat Kaur

POETICS

Collection of poems in English and Punjabi